मूंगफली तिल और गुड लाए, आपके जीवन में खुशियाँ, लोहड़ी का प्रकाश कर दे, रोशन आप के आने वाले कल को | HAPPY LOHRI
बोल तुम्हे लोहड़ी पे क्या उपहार दु , दोस्ती चाहिए या जान दे दु , स्कूटर, मोटर साइकिल, या कार दु , बस इतने से ही हो जाओ खुश , या दो चार और गप्पे मर दु ... हैप्पी लोहड़ी
मीठे गुड में मिल गया तिल उड़ीं पतंग, और खिल गया दिल आपके जीवन में, आये हर दिन सुख और शांति, विश यू हैप्पी लोहड़ी
इस लोहड़ी सिर्फ लकड़िया ही नहीं, जलने वालो को भी जलाओ | HAPPY LOHRI
मूंगफली, तिल और गुड लाए आपके , जीवन में खुशियाँ, लोहड़ी का प्रकाश कर दे, रोशन आप के आने वाले कल को | HAPPY LOHRI
मुझे लगता है कोरोना वोरोना, कुछ नहीं है मार्च का महीना है, आखिर यमराज के भी, तो टारगेट होते हैं |
कोरोना हो या ना हो, आजकल सबसे दूर रहने में, ही फायदा है |
सरकार से एक गुजारिश है, CALLER TUNE भले ही CORONA वाला लगाये रखे, लेकिन ये जो STARTING मैं, खांसने की आवाज है न.. YAAR वो हटा देना, खांसी सुनते ही HELLO बोल देते हैं |
पत्नि - ( झल्लाकर )-आपने जीवन में सबसे, अधिक भलाई का कौन -सा काम किया है ? सांता - तुम जैसी युवती से विवाह |
सांता -माताजी क्या इस मरीज को, थोड़ी मिठाई मिलेगी ? महिला -क्यों रोटी से काम नहीं चल सकता ? सांता - चल सकता है पर आज मेरा बिर्थ डे है |
सांता- तुमने जो मधुमक्खियां पाली हैं, उनसे तुमको कुछ लाभ हुआ ? बंता- हां मेरे यहां मेहमानो का, आना बंद हो गया है |
मास्टर -जिनकी पैदाइस सन 1950 की है , उनकी उम्र इस समय क्या होगी ? बंता -पहले यह बताइये....वह स्री है या पुरुष ?
व्हाट को हिंदी में किया कहते है ? अध्यापक ने पूछा, बंता -"जी क्या ? अध्यापक -"ठीक है , बैठ जाओ |
एक नाई जो बहुत तेज धार वाले उस्तरे, से शेव कर रहा था शांता से पुछा, आप कितने भाई हैं तम्हारे उस्तरे, से बच गया तो चार होंगे, वरना तीन ही समझो |
चमन में फूल है बाकी ना, तुमसा फूल कोई । तुझे चाहा अगर मैंने बताइए, भूल है कोई।
मोहब्बत की गर्मी भी, क्या चीज है। तबीयत मेरी क्या से, क्या हो गई है।
आंखों में काजल भरा होठों पर है पान। आज किसका हो रहा है, ये कत्ल का इंतजाम।
रुला कर वापस जा रही हो प्यारी। दिल में जख्म गहरे हैं, तू टांके तो लगा जा प्यारी।
जालिम इतना घायल, कर दिया तूने। बुलाकर अपने घर बाप, से पिटवाया तूने।
तुम्हें पाने के लिए क्या, नहीं किया मैंने । दिन रात तेरी गली में, गुजार दिए मैंने।
पानी की जगह गम के, आंसू पीता हूं। तेरे प्यार की खातिर बाप के, डंडे खाता हूं।
कल बहारे थी यहां आज, फैली है खिज़ा। बिना तुम्हारे जिंदगी में अब, कहां है वो मजा।
इश्क बाजी वह करें जो, जान की बाजी करें | खुद को राजी करें और, माशूक को भूखा मारे।
ना लिखेंगे खत हम आज के बाद। क्योंकि हो गई है, पेन की स्याही महंगी |
आपकी कुतिया ने देखो कर, दिया घायल मुझे। मैं तो देने आया था तोहफे में, एक पायल तुझे।
फूलो मैं वे बात कहाँ है, महक है जो बन्द कली मैं |
जब से तुझे दिल भुलाने की कसम खाई है, और पहले से ज्यादा तेरी याद आई है |
किसी की याद मैं है, दुनिया को भूलाए हुए, जमाना गुजरा है, अपना ख्याल आए हुए |
उजला अपनी यादों का हमरे साथ, रहने दो न जाने किस जगह किस, खड़ी जिंदगी की शाम हो जाये |
कब मिली कहाँ मिली कुछ याद नही, जिन्दगी तुझको तो बस ख्वाब, मैं देखा हमने |
हमने तुमको दिल दिया हम क्या करें, जाने वाली चीज का गम क्या करें |
निकले जनाजा मेरा तो फूल चढ़ा देना, गर मिलने की तमन्ना हो तो कफ़न हटा देना |
जमीं देखती देखता आंसमा है, मौहब्बत का यह सख्त जो इम्तहा है |
प्यार की कसमें कभी निभाई होती, मेरी तस्वीर निगाहों में बसाई होती |
मेरा दिल तोडा है तुमने गये दांस्ता लिखकर, अब नहीं मिल सकोगे हमसे तुम कभी हंसकर |
प्यार करने वाले दीवाने कभी डरते नहीं, लोग मजनू कहते हैं मगर वो चिढ़ते नहीं |
'ऐसा ने कहे ऐसा कहना पाप होगा, कभी तू भी किसी हंसी का बाप होगा | '
'काश तू माटी का एक घड़ा होता, किसी कमरे के कोने में औंधा पड़ा होता | '
अगर तू साथ है मेरे तो दिल आबाद है मेरा, तू कह दे बाप से अपने वही दमाद है तेरा |
कहीं और जाके यह इल्जाम लगाओ, प्यार करने चले है मुँह धोकर आओ |
मजबूत मन और दृढ़ इच्छाशक्ति से, चुनौतियों को पार कर सफलता, प्राप्त की जा सकती है। A . P . J . Abdul Kalam
ज्ञान का समीकरण है, ज्ञान = सृजनात्मकता +इमानदारी + साहस +अदम्य उत्साह। A . P . J . Abdul Kalam
हमारे अंदर कमी है तो साहस की, प्रेरणादाई शक्ति की जो हमें कहीं, भी ले जा सकती है। A . P . J . Abdul Kalam
आप सफल तभी होंगे, जब आप अपने सामने खड़ी चुनौती का सामना साहस और समर्पण से करेंगे। A . P . J . Abdul Kalam
एक विद्वतापूर्ण सोच से ही, विज्ञान का निर्माण होता है। A . P . J . Abdul Kalam
प्रत्येक मनुष्य को अपने विचारों और, कार्यों में ईमानदारी के प्रति समर्पण, का भाव पैदा करना चाहिए। A . P . J . Abdul Kalam
युवाओं का जागृत मन इस धरती पर उसके ऊपर, और उसके नीचे सबसे सशक्त संसाधन है। A . P . J . Abdul Kalam
जब हम अपने काम में तल्लीन रहते हैं, और अपने काम से प्यार करते हैं, तो इसका सवाल ही नहीं उठता कि डर हमें अपने वश में कर सके। A . P . J . Abdul Kalam
हमें अपनी धरती पर प्रत्येक मानवीय कार्य में ‘ सीमाहीनता ‘ की भावना को बढ़ाना होगा। A . P . J . Abdul Kalam
स्थिर और सुरक्षित भविष्य सहिष्णुता की, बुनियाद पर ही खड़ा हो सकता है। A . P . J . Abdul Kalam